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मैं आकांक्षा, अत्यंत ही सरल प्रकृति की महिला हूँ , जो नित्य नवीन प्रयास करने हेतु तत्पर रहती हूँ। इस पुस्तक को लिखने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि मैं अपने स्वर्गीय पिताजी को इस पुस्तक के माध्यम से श्रद्धांजलि देना च…

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मैं आकांक्षा, अत्यंत ही सरल प्रकृति की महिला हूँ , जो नित्य नवीन प्रयास करने हेतु तत्पर रहती हूँ। इस पुस्तक को लिखने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि मैं अपने स्वर्गीय पिताजी को इस पुस्तक के माध्यम से श्रद्धांजलि देना चाहती हूँ, एवं उनको सभी के दिलो में चिरकाल तक बसाना चाहती हूँ और अपनी भावनाओं को प्रिय पाठकों तक पहुँचाना चाहती हूँ और मुझे लगता है की अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए भाषा कोई भी हो बस आपके दिल को छूनी चाहिए, कई दिनों के आत्ममंथन के बाद मैं अपनी भावनाओं को इस पुस्तक के माध्यम से व्यक्त कर पाई हूँ, आशा करती हूँ मेरी पुस्तक पढ़ कर हर बेटी को यह बल मिल सके की वह अपने पिता को एक अच्छा दोस्त मानकर अपनी भावनाएं उनके सामने ही व्यक्त कर सकें। कहीं फिर देर ना हो जाये !

आकांक्षा मध्यप्रदेश में पली बढ़ी पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा करने के बाद पुणे से आंतरिक साज सज्जा (इंटीरियर डिजाइनिंग ) में स्नातक कर अब लखनऊ में अपने परिवार के साथ रहती हैं और अपना स्वयं का व्यवसाय करती हैं। आकांक्षा कि श्री कृष्ण में अटूट आस्था है, इनको प्रकृति से बेहद लगाव है और मानव मूल्यों को बहुत महत्व देती हैं और परिजनों के संग समय व्यतीत करना इनको अच्छा लगता है । रुचि है इनकी चित्रकारी करना, संगीत सुनना, पुस्तकें पढ़ना और अलग अलग जगहों पर जाना और वहाँ के बारे में जानना ।

Publisher :   Scriptor

Edition :   None

Price :   200.00

Price :   149.00

ISBN :   978-93-92203-65-7

Number of Pages :   126

Weight :   200

Binding Type :   3

Binding Type :   1

Paper Type :   58 GSM

Language :   Hindi

Category :   Nonfiction

Uploaded On :   Aug. 15, 2023

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