199.00 INR Paperback 100.00 INR E-Book  

कैकेई सिसकते हुए कहती हैं।..."प्रभु ! परंतु यह चौदह वर्ष तो युगो-युगो तक कैकेई के जीवन में एक कलंक छोड़ जाएंगे ना, भला कौन इस संसार में कैकेई को सम्मान से नाम लेगा?... भगवान विष्णु कहते हैं... "देवी ! महा…

Select Book Type


Buy from other platform



कैकेई सिसकते हुए कहती हैं।..."प्रभु ! परंतु यह चौदह वर्ष तो युगो-युगो तक कैकेई के जीवन में एक कलंक छोड़ जाएंगे ना, भला कौन इस संसार में कैकेई को सम्मान से नाम लेगा?... भगवान विष्णु कहते हैं... "देवी ! महान लोग संसार की चिंता नहीं करते, आज मैं तुम्हें यह वरदान देता हूं कि द्वापर युग में जब मैं अवतार लूंगा,तब मेरा पालन पोषण तुम्हारे द्वारा किया जाएगा और तब तुम्हें ऐसा नाम मिलेगा, ऐसा सम्मान मिलेगा, ऐसी प्रतिष्ठा मिलेगी जो शायद युगों - युगों तक मेरी जन्म दात्री माँ को भी नहीं मिलेगी और सदा - सदा के लिए उस अवतार में मेरी माँ के नाम पर सर्वप्रथम तुम्हारा ही नाम लिया जायेगा,द्वापर में तुम यशोदा के नाम से जानी जाओगी और मैं कृष्ण रूप में अपना बालपन तुम्हारे प्यार और वात्सल्य की छाँव में व्यतीत करूँगा, इसलिए सभी देवताओं की ओर से मैं तुम्हारा आभार प्रकट करता हूँ।”... इतना कह कर भगवान विष्णु अंतर्ध्यान हो जाते हैं। कैकेई अपने आशुवों को पोंछकर राम की अगवानी की तैयारी करती हैं।

Publisher :   Scriptor

Edition :   First

Price :   199.00

Price :   100.00

ISBN :   978-81-952836-6-8

Number of Pages :   189

Weight :   800 Gram

Binding Type :   3

Binding Type :   1

Paper Type :   Cream Paper Stora (80 GSM)

Language :   Hindi

Category :   Nonfiction

Uploaded On :   Aug. 6, 2021

Free Shipping

Order over 99.99€

90 Days Return

For goods issues

Secure Payments

100% Secure & Safe

24/7 Support Help

Deticated Support